राजस्थान, क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य। वह राज्य जिसका 60% हिस्सा रेगिस्तान है। वह राज्य जिसकी कुल आबादी का आधे से भी ज्यादा हिस्सा पानी की कमी से जूझ रहा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की महत्वाकांक्षी परियोजना ERCP को लेकर केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री पर बड़ा हमला बोला है।
आइये सबसे पहले समझते हैं कि ERCP आखिर है क्या?
ERCP यानी ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट। ERCP राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की क़द्दावर नेता वसुंधरा राजे सिंधिया की तैयार की हुई महत्वपूर्ण परियोजना है। इस परियोजना के तहत पार्वती-कालीसिन्ध-चम्बल नदियों को नहरों के जाल से जोड़ने का प्लान बनाया गया है। इस पूरी परियोजना की लागत 38000 करोड़ आँकी गई है। ERCP से राजस्थान के पूर्वी हिस्से के तक़रीबन 13 जिले लाभान्वित होंगे।
राजस्थान में सतही पानी 15 नदी बेसिन में पाया जाता है। इन 15 नदी बेसिन में से सिर्फ चम्बल और माही नदी बेसिन में सरप्लस पानी पाया जाता है। बरसात के दिनों में कालीसिन्ध, मेज़, कुन्नु, कुल, पार्वती आदि नदियों के सब-बेसिन में भी सरप्लस पानी की उपलब्धता रहती है। ERCP के जरिए इन नदियों के बेसिन में पाए जाने वाले सरप्लस पानी को कमी वाले इलाक़ों में डाइवर्ट किया जाने का प्लान है।
इस परियोजना के तहत राजस्थान के झालावाड़, बाराँ, कोटा, बूँदी, अजमेर, जयपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, धोलपुर, टोंक, भरतपुर, अलवर जिलों की पेयजल आपूर्ति और सिंचाई जल आपूर्ति की जाएगी। इसके तहत 26 अलग अलग परियोजनाओ के माध्यम से 2.8 लाख हैक्टेयर ज़मीन की सिंचाई की जा सकेगी। इस प्रोजेक्ट के पूरे होने से इन जिलों में सतही जल के साथ साथ भूमिगत जल स्तर भी सुधरेगा जो कि पिछले कुछ सालों में एक बड़ी समस्या के तौर पर सामने आया है। वहीं दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर में भी नए उद्योग के मौक़े पैदा होंगे।
फ़िलहाल इस परियोजना के लिए राजस्थान सरकार खर्च कर रही है। केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने को लेकर तकनीकी अध्ययन भी करवाया था। गत विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने को लेकर संकेत दिए थे लेकिन फिर इसे केंद्र सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। हाल ही में पेश किए गए राजस्थान सरकार बजट के दौरान अशोक गहलोत ने ERCP कॉर्पोरेशन के गठन का फैसला किया। यदि ERCP राष्ट्रीय परियोजना घोषित होती है तो केंद्र सरकार को कुल खर्च का 90 फ़ीसदी हिस्सा वहन करना होगा।
किसने क्या कहा ERCP पर?
8 अप्रैल को राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जयपुर में हुई रीजनल कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे। महेश जोशी ने ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के प्रधानमंत्री मोदी के वादे की याद दिलाते हुए गजेन्द्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा। गजेन्द्र सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि मोदी जी ने ऐसा कोई वादा नहीं किया। अगर ऐसा कोई वादा उन्होंने किया हो तो साबित करें मैं राजनीति से सन्यास ले लूँगा अन्यथा आप और मुख्यमंत्री सन्यास ले लें।
7 जुलाई 2018 को जयपुर की रैली में प्रधानमंत्री जी के भाषण का ERCP से संबंधित वक्तव्य-
6 अक्टूबर 2018 को अजमेर रैली में प्रधानमंत्री जी के भाषण का ERCP से संबंधित वक्तव्य-
4/4 pic.twitter.com/i1tKb51EJW— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 8, 2022
इस पर पलटवार करते हुए अशोक गहलोत ने एक के बाद एक ट्वीट किए और नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयानों को सामने रखा। अशोक गहलोत ने नरेंद्र मोदी की 2018 की चुनावी रैलियों के वीडियो सामने रखे। 10 अप्रैल को अशोक गहलोत ने एक बार दुबारा हमला बोलते हुए कहा कि गजेन्द्र सिंह राजस्थान की मदद करने की बजाय ऐसी बातों में फँस गए कि प्रधानमंत्री ने वादा किया था या नहीं। अगर प्रधानमंत्री ने वादा नहीं भी किया था तो भी उनसे माँग करने का हम हक़ रखते हैं। सिंचाई और पेयजल कि 16 योजनाओं को राष्ट्रीय घोषित कर रखा है तो 17 वीं में क्या दिक़्क़त है। 40 हजार करोड़ केंद्र सरकार के लिए कोई बड़ी बात नहीं है।
आगे अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान ने 25 सांसद जिताकर दिए हैं, राजस्थान का हमारा जलसंसाधन मंत्री बना है। कम से कम एक परियोजना को तो राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाएँ। क्या इतनी भी उसकी औकात नहीं है? वह काहे का मंत्री है, जो प्राइम मिनिस्टर को कन्वीन्स नहीं कर सके।