शनिवार को, भारत, ऑस्ट्रेलिया के साथ नई दिल्ली में पहली द्वि मंत्रिस्तरीय वार्ता की मेजबानी करने जा रहा है।
आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन और विदेश मंत्री मारिस पायने पहले ही राष्ट्रीय राजधानी पहुँच चुके हैं।
आज सुबह इनकी मुलाक़ात भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर से होनी तय है। ऑस्ट्रेलिया से आये हमारे महमानों की आज दोपहर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से, लोक कल्याण मार्ग स्थित उनके आवास पर भी एक मुलाक़ात मुनक़्क़द है।
दोनों देशों के मंत्रियों के मध्य, जलवायु, साइबर, आर्थिक सुरक्षा, नयी टेक्नोलॉजीज़, और आयात निर्यात के मुद्दों पर बात होगी। अफ़ग़ानिस्तान मुद्दा, इस द्विपक्षीय, द्विमन्त्रीय वार्ता का प्रमुख मुद्दा होगा। साथ ही इस मुद्दे में चीन के रोल पर और पूर्वी और दक्षिणी सागर की स्थितियों पर बात होगी।

मीडिया के अनुसार एक अस्थायी कार्यक्रम के अन्तर्गत, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने की सुबह 10:30 बजे नई दिल्ली स्थिति हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से मुलाकात तय है। इससे पहले वो राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करने जायेंगी।
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पायने ने कहा कि, “भारत और ऑस्ट्रेलिया एक “अर्ली हार्वेस्ट” व्यापार डील की दिशा में काम कर रहे हैं जो एक व्यापक आर्थिक सहयोग की आधार शिला बनायेगा।
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री मोदी से उनके नई दिल्ली स्थित आवास पर शाम क़रीब साढ़े चार बजे मिलेंगे।
ये द्विमंत्रिस्तरीय संवाद, जून 2020 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने के लिए गए निर्णय का परिणाम है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों मानते हैं कि उनके देशों के बीच राजनयिक सम्बन्ध इस समय उच्च स्तर पर हैं।
भारतीय पक्ष के एक अधिकारी ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि ऑस्ट्रेलिया के साथ टू प्लस टू वार्ता “पिछले कुछ वर्षों में हमारे बीच हुए सम्बन्धों में परिवर्तन” को दर्शाती है।

ऑस्ट्रेलियाई दूत बैरी ओ’फेरेल ने भी इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि, “ऑस्ट्रेलिया, दो “एक दूसरे पर निर्भर और विश्वसनीय पार्टनर्स” के बीच सम्बन्धों को और गहरा करने में मदद करने वाली इस मंत्रिस्तरीय मीटिंग की प्रतीक्षा कर रहा है।”
इस वार्ता में समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर भी बातचीत होने की उम्मीद है। भारत के पास अमेरिका और जापान के साथ भी इस स्तर की बात चीत करने का प्रारूप तैयार हैं।
इस प्रकार की द्वि मन्त्रीमण्डलीय वार्ता से नए आयाम खुलते हैं। ध्यान देने योग्य है कि दोनों पक्ष एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बनने जा रहे उस क्षेत्रीय चतुष्कोणीय गठबंधन (quad) के सदस्य हैं जिसमें अमेरिका और जापान भी शामिल हैं।
भारत और जापान पहले से ही इस प्रकार की वार्ता हो कर चुके हैं। इस समय भारत अमेरिका के सम्बन्ध भी पहले से काफ़ी बेहतर हैं।
और अब ऑस्ट्रेलिया के साथ सफल वार्ता कर भारत क्वाड में एक मज़बूत दशा औ
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