• About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact
Monday, May 23, 2022
  • Login
No Result
View All Result
TSAHindi
NEWSLETTER
  • अर्थव्यवस्था
  • ओपिनियन
  • कला-संस्कृति
  • टेक्नोलॉजी
  • दुनियादारी
  • पर्यावरण
  • प्रशासन
  • राजनीति
  • व्यक्तित्व
  • अर्थव्यवस्था
  • ओपिनियन
  • कला-संस्कृति
  • टेक्नोलॉजी
  • दुनियादारी
  • पर्यावरण
  • प्रशासन
  • राजनीति
  • व्यक्तित्व
No Result
View All Result
TSAHindi
No Result
View All Result
Home रिपोर्ट

सेना में सवा लाख से ज़्यादा पद खाली, सरकार कर रही कान्ट्रैक्ट पर भर्ती की तैयारी 

दो साल से भर्तियाँ बंद होने के कारण भारतीय सेना में सवा लाख से भी अधिक पद खाली,पुरानी भर्तियाँ अब तक लंबित, तीन साल के लिए कान्ट्रैक्ट पर सैनिक भर्ती किए जाएँगे।

by Krishna
April 7, 2022
in रिपोर्ट
Reading Time: 1 min read
A A
0
सेना भर्ती

इमेज क्रेडिट: पत्रिका

Share on FacebookShare on WhatsApp

कुछ रोज पहले सोशल मीडिया पर एक लड़के प्रदीप मेहरा की वीडिओ वाइरल थी। वह अपनी रोज़ाना की नौकरी के बाद दौड़ते हुए घर जा रहा था। पत्रकार ने जब उसे पूछा तो उसने कहा कि वह आर्मी में भर्ती होने कि तैयारी करता है। प्रदीप मेहरा को खूब भर भर के प्रशंसा मिली, कई साक्षात्कार भी हुए। निश्चित तौर पर प्रदीप की मेहनत की तारीफ की जानी चाहिए, मगर प्रदीप जैसे कई लाख नौजवान गाँवों में खेत खलिहानों में मैदान बना बना कर रोज़ाना सुबह शाम कई कई किलोमीटर दौड़ लगाते हैं और सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी करते हैं हमें यह तथ्य नहीं भूलना चाहिए। 

हमें यह भी देखना पड़ेगा कि 2014 में राष्ट्रवाद की लहर पर चढ़कर सरकार बनाने वाले नरेंद्र मोदी जी की सरकार में सेनाओं का हाल खस्ता चल रहा है। सेना की मजबूती और सेना द्वारा किए गए कामों पर भी वोट मांगने वाली मोदी सरकार के कार्यकाल में सेनाओं में सवा लाख से भी अधिक पद खाली पड़े हैं। पिछले दो-ढाई साल से सेनाओं में भर्तियाँ बंद पड़ी हुई हैं। बीते दिसंबर में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने संसद पटल पर कहा था कि भारतीय सेना में  104653 पद रिक्त हैं जिनमें से 97 हजार से अधिक जवानों के पद खाली हैं। 

हर साल दो इंटेक होते थे एयर फोर्स में, दो साल से बंद: 

भारतीय वायुसेना दो साल पहले तक एयरमैन के पद पर हर वर्ष दो भर्तियाँ किया करती थी जिनसे लगभग 7000 युवकों को भर्ती किया जाता था। वायुसेना इन दोनों भर्तियों को 6 महीने के अंतराल पर तय समय से पूरा भी कर देती थी। लेकिन कोरोना के बाद से कोई भर्ती पूरी नहीं हुई है। साल 2020 का पहला इंटेक जनवरी 2020 में होना था जिसकी परीक्षा प्रक्रिया 2019 में पूरी कर ली जानी थी। मगर यह इंटेक कोरोना के चलते जुलाई 2020 में हुआ।

इसके बाद 2020 के दूसरे इंटेक को आगे खिसका दिया गया और उसी का नाम बदल कर 2021 का दूसरा इंटेक बना दिया गया। अभ्यर्थी बीती जुलाई में 2/2021 के लिए लिखित परीक्षा दे चुके और उसके बाद से रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। 1/2022 इंटेक जो जनवरी में होना था उसका अभी तक कोई अता पता नहीं है। 

नौसेना का हाल भी ठीक इसी तरह से है। भारतीय नौसेना हर साल लगभग 6000 युवकों को भर्ती करती आई थी मगर साल 2020-21 में उन अभ्यर्थियों का आँकड़ा महज़ 2722 रहा जिन्हें नौसेना के लिए नामांकित किया गया।  इनमें से भी अधिकांश युवाओं को अभी तक जॉइनिंग लेटर का इंतजार है। 2021-22 में यह आँकड़ा 5547 रहा और इस साल भी वे अपनी अपनी भर्तियों के रिजल्ट्स का या जॉइनिंग लेटर का इंतजार कर रहे हैं।

थल सेना में 2 साल से एक भी नया सैनिक भर्ती नहीं:

भारतीय थल सेना में पिछले दो साल से खुली भर्तियाँ बंद पड़ी हुई हैं। पहले सेना मुख्यालयों पर हर वर्ष खुली भर्तियाँ हुआ करती थी जिनमें अभ्यर्थी सीधा शारीरिक परीक्षा में शामिल हो सकते थे। लेकिन उन्हें भी कोरोना के नाम पर 2020 में ही रोक दिया गया। उसके बाद साल 2021 के शुरुआत में भर्तियाँ फिर से खुली थी जिनकी परीक्षाएँ अभी तक नहीं हुई हैं। हालाँकि अफसरों की भर्तियाँ NDA/CDS के माध्यम से लगातार जारी हैं। 

रक्षा राज्य मंत्री के अनुसार 2020-21 में 97 रैली भर्तियाँ प्रस्तावित थीं जिनमें से महज़ 47 की प्रक्रिया शुरू हो सकी। इन 47 में से सिर्फ़ 4 भर्तियों में लिखित परीक्षा हो सकी। वहीं अगर बात की जाए 2021-22 की तो इस सत्र मे 87 रैली भर्ती होनी तय थीं जिनमें से सिर्फ़ 4 की प्रक्रिया शुरू हो सकी। इन चारों भर्तियों में भी अभी तक परीक्षा नहीं हो पाई हैं। इसके चलते पिछले दो साल में एक भी नया जवान सेना में भर्ती नहीं किया गया है जबकि हर वर्ष लगभग 50 हज़ार जवान रिटायर होते हैं। 

घर बैठे बैठे हुए ओवरएज हो रहे युवा:

अभ्यर्थियों को वायुसेना और नौसेना में भर्ती के लिए बहुत कम समय का अंतराल दिया जाता है उसके बाद ओवरएज घोषित कर दिया जाता है। जाने कितने ही अभ्यर्थी इन बीते दो सालों में आयु की सीमा पार कर चुके हैं। भारतीय सेना विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है और नौकरी देने के मामले में भारतीय रेल के बाद दूसरी सबसे बड़ी संस्था है। लेकिन कोरोना के बहाने सेना की भर्तियाँ बंद पड़ी हैं। रेल विभाग में 2019 की NTPC भर्ती अभी तक एक चरण ही पूरा कर पाई है। बाक़ी बची हुई भर्तियाँ निजीकरण की भेंट चढ़ गईं। ऐसे में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या के तौर पर सामने आ खड़ी हुई है। 

सरकार भर्ती करेगी संविदा सैनिक: 

बेरोजगारों के लिए इसी बीच एक और बुरी ख़बर सामने आ रही है। तीनों सेनाओं ने भारत सरकार के उच्च अधिकारियों के सामने यह प्रस्ताव रखा है कि 3-3 साल के लिए कान्ट्रैक्ट पर सैनिकों की भर्ती की जाए। इसे “अग्निपथ भर्ती प्रवेश योजना” नाम दिया जाना तय हुआ है जिसके तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा। बड़ी बात यह है कि सरकार न तो इन अग्निवीरों को पेंशन देगी और न ही रिटायरमेंट संबंधित कोई अन्य लाभ देगी। 

देश में बड़े पैमाने पर पिछले कुछ वर्षों में पक्की सरकारी नौकरी के बदले संविदा पर कर्मचारी रखने की परंपरा चल निकली है। इन संविदा कर्मियों को सरकारें जरूरत के मुताबिक़ इस्तेमाल करती हैं और फिर जब जरूरत खत्म हो जाति है तो इन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है। राजस्थान में कोरोना के दौर में बड़े पैमाने पर कोरोना स्वास्थ्य सहायकों की भर्ती की गई थी। हाल ही में सरकार ने ज़रूरत खत्म होने पर उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय ले लिया है। संविदा कर्मचारियों को न तो तनख्वाह उचित मिलती है और ना ही अन्य भत्ते। कुल मिलाकर बहुत कम दरों पर उनसे काम लिया जाता है।

ShareSendTweet
Next Post
शिवपाल

अपर्णा यादव के बाद क्या चचा शिवपाल भी जाएँगे भाजपा में?

गहलोत सरकार का SC-ST विकास गारंटी बिल पास, अलग विकास फंड होगा

ERCP पर गहलोत और मोदी के मंत्री में रार, जानें क्या है ERCP?

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended

कैसे होता है संविधान में संशोधन, कब कब हुआ है ऐसा

कैसे होता है संविधान में सशोधन, कब कब हुआ है ऐसा

6 months ago
सिली हुई योनि : एक प्रथा जिसे फ़ीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन कहा जाता है।

सिली हुई योनि : एक प्रथा जिसे फ़ीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन कहा जाता है।

10 months ago
सबसे कम वोट से हारने वाली सीट का क्या है इस बार समीकरण

सबसे कम वोट से हारने वाली सीट का क्या है इस बार समीकरण

4 months ago
दो धर्मों के बीच सांप्रदायिक भ्रांतियों की डिकोडिंग भाग-5

दो धर्मों के बीच सांप्रदायिक भ्रांतियों की डिकोडिंग भाग-5

10 months ago
किसानों की मौत का कोई आँकड़ा नहीं तो मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता: कृषि मंत्री

किसानों की मौत का कोई आँकड़ा नहीं तो मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता: कृषि मंत्री

6 months ago
सिक्खों के ख़िलाफ़ साजिश? फ़र्ज़ी सोशल मीडिया नेटवर्क का पर्दाफ़ाश

सिक्खों के ख़िलाफ़ साजिश? फ़र्ज़ी सोशल मीडिया नेटवर्क का पर्दाफ़ाश

6 months ago
TSAHindi

© 2017-21. The Second Angle. All Rights Reserved.

Navigate Site

  • About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • Home

© 2017-21. The Second Angle. All Rights Reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In